आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर मिलेगा फ्री टिकट, बस पूरी करनी होगी 180 सेकंड में यह चुनौती
रेल प्रशासन ने आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर अनूठा प्रयोग किया है। स्टेशन पर किसी को लेने या छोडने जाने पर अगर कोई टिकट नहीं लेना चाहता तो इसके लिए उसे दंड लगाना पड़ेगा। तीस बार की उठक-बैठक के बाद प्लेटफार्म टिकट मुफ्त में मिल जाएगा। रेल प्रशासन को कहना है कि इस सुविधा से लोग सेहत बनाने के साथ पैसे की बचत भी कर सकते हैं। दूसरी तरफ तीन मिनट में प्राथमिक जांच करने की एक अलग से मशीन भी लगाई गई है। इससे बीएमआई, मोटापा, प्रोटीन आदि की जांच भी हो जाती है। हालांकि, इसके लिए 50 रुपये का शुल्क देना पड़ेगा।
रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार को सुविधा शुरू होने के बाद केंद्र्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि फिटनेस के साथ बचत भी करिए। दिल्ली के आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर फिटनेस को प्रोत्साहित करने के लिए अनूठा प्रयोग किया गया है। यहां लगाई गई मशीन के सामने एक्सरसाइज करने पर प्लेटफार्म टिकट निशुल्क लिया जा सकता है।
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि पॉयलेट प्रोजेक्ट के तौर पर अभी यह सुविधा आंनद विहार रेलवे स्टेशन पर शुरू की गई है। इसे एक निजी कंपनी ने लगाया है। इसके सफल होने पर दूसरे रेलवे स्टेशनों पर भी इसी मॉडल पर मशीनें लगवाई जाएंगी। इसका सीधा फायदा मुसाफिरों को छोड़ने या ले जाने वाले लोगों को मिलेगी। इंतजार के समय में वह व्यायाम करके मुफ्त में टिकट भी ले सकेंगे।
180 सेकेंड में 30 बार लगानी पड़ती उठक-बैठक
स्क्वाट कियोस्क सेंसर आधारित मशीन है। इसके सामने बिछे ट्रैक पर दंड लगाना होता है। 180 सेकेंड में 30 बार उठक-बैठक करने पर टिकट मिल जाता है। फिलहाल स्टेशन के ग्राउंड तल पर एक मशीन लगाई है। अधिकारी कहते हैं कि जरूरत होने पर इसकी संख्या बढ़ाई जा सकती है। रेलवे निजी कंपनी से इसके लिए कोई चार्ज नहीं करता।
स्टैंड ट्रेनिंग का हिस्सा है दंड बैठक
अधिकारियों ने बातया कि दंड बैठक स्ट्रैंथ ट्रेनिंग का जरूरी हिस्सा है। यह खिचांव लाकर मांशपेशियों को स्वस्थ्य रखता है। सबसे पहले इस तरह की मशीन 2013 के मॉस्को ओलंपिक में लगाई गई थी। वहां 30 बार दंड लगाने पर दर्शकों को मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाती थी।
बीएमआई समेत दूसरी जांच के लिए मशीन
प्लेटफार्म नंबर एक पर दूसरी मशीन भी लगी है। इससे न सिर्फ कद के अनुसार शहरी का वजह बताने वाले बॉडी मॉस इंडेक्स (बीएमआई) का पता चलता है, बल्कि शरीर में पानी, प्रोटीन, मिनरल, मोटापा आदि की भी रिपोर्ट भी मिलती है। दिलचस्प यह कि रिपोर्ट में संबंधित कारकों के कम या ज्यादा होने पर उसके लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह भी मिल जाती है। हालांकि, जांच करवाने वाले को इसके लिए 50 रुपये खर्च करते पड़ते हैं। इस मॉडल में रेलवे संबंधित कंपनी से राजस्व का साझा करता है।
दस रुपये में मोबाइल चार्जिंग की सुविधा
रेलवे मुसाफिरों की सुविधा के लिए मोबाइल चार्ज करने की मशीन भी लगाई गई है। मशीन एटीएम की तरफ है। उसमें दस रुपये डालने पर एक लॉकर खुलता है। लॉकर के अंदर मोबाइल लगाकर उसे बंद कर सकते हैं। इसके बाद मुसाफिर प्लेटफार्म पर कहीं भी जा सकता है। इससे प्वाइंट के पास खड़े होने की जरूरत नहीं रहती। बाद में वापस लौटकर लॉकर से मोबाइल मिल जाएगा। रेलवे का कहना है कि स्टेशन पर अभी इसकी संख्या तीन है। इनकी संख्या दस की जानी है। इस मॉडल में भी निजी कंपनी और रेलवे के बीच राजस्व साझा किया जा रहा है।